Tuesday, November 15, 2016

कुछ गीत मन बहलाने को


कुछ नहीं तो सिर्फ "सा रे ग म प ध नि सा" ही सही 

रेडियों पर गीत सुनने का शौक आज यहां तक  लाया --

कुछ गीत रिकार्ड किये 

 जब तब अकेले में गीत गुनगुनाने से मन बहल जाता है, कोई भी चिंता -परेशानी हो- तो बस गीतों के खजाने से एक गीत चुनों और सुनो।

 साथ तो आप स्वत: ही  गुनगुनाने लगेंगे पता भी नहीं चलेगा। .. 

चाहें तो आप भी सुन सकते हैं। ....अपना अनुभव बताईयेगा । 


2 comments:

Udan Tashtari said...

रंग तोगन के बाद स्वच्छ भारत के जैसा नजर आ रहा है ब्लॉग...बधाई

गिरिजा कुलश्रेष्ठ said...

अर्चना ,कमाल है . कितना कुछ करती रहती हो लगभग सभी गीत सुन डाले .मुझे जो तुमने रिकार्ड करना सिखाया था मैं भूल भी गई . अब किसी दिन बैठकर फिर सीखूँगी .